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प्रदेश के सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों के स्टाफ पर वित्तीय संकट गहराया

राजेश वर्मा (विलेज ईरान)
पिहोवा,

पिछले तीन महीनों से, हरियाणा भर के सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में एक चिंताजनक स्थिति सामने आई है, क्योंकि शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को पिछले तीन माह का वेतन नहीं मिला है। इस विकट परिस्थिति ने कर्मचारियों को गंभीर वित्तीय संकट में डाल दिया है, जिससे उनके जीवन के विभिन्न पहलू प्रभावित हुए हैं। 

इस समय कई कर्मचारी अपने घरेलू वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। घरेलू खर्चा, मकान किराया, बैंक लोन की किश्तें और बीमारी के इलाज करवाने में आर्थिक समस्याओं से जुड़ना पड़ रहा है। अधिकतर स्टाफ के बच्चों की पिछले 2 महीने से स्कूल फीस का भुगतान भी नही हो पाया। इसके नतीजतन, कई छात्रों को अपने माता-पिता द्वारा फीस ना देने की असमर्थता के कारण स्कूल प्रवेश हासिल करने में बाधाओं का सामना करना पड़ा है।
इसके अलावा, वित्तीय तनाव बुनियादी आवश्यकताओं तक बढ़ गया है, क्योंकि कर्मचारी पूरे वर्ष के लिए गेहूं खरीदने में खुद को असमर्थ पाते हैं। इसके अतिरिक्त, समय पर बैंक किस्तें देने में असमर्थता ने कर्मचारियों को डिफॉल्ट करने के जोखिम में डाल दिया है और बैंक उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।

इन गंभीर चिंताओं के आलोक में, हरियाणा सरकार से इस मुद्दे का तुरंत समाधान करने की जोरदार अपील है। यह जरूरी है कि सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में समर्पित शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को समय पर वेतन वितरण सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जाएं। ऐसा करने में विफलता न केवल कर्मचारियों के सामने आने वाली वित्तीय कठिनाइयों को बढ़ाती है बल्कि शिक्षा प्रणाली में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी कमजोर करती है।

डॉ सुदीप
महासचिव, कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन
7988887454

सोहन लाल
महासचिव, हरियाणा ऐडेड कॉलेज नॉन टीचिंग यूनियन
7988605142

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